व्यवस्था परिवर्तन आन्दोलन 

एक पहल देश को जगाने कीराष्ट्र को बचाने की।

भारत में लागू ब्रिटिश कालीन कानूनों को हटाकरनएन्यायपूर्णराष्ट्रीय कानून बनवाने हेतु, राष्ट्रीय सनातन पार्टी द्वारा संचालित देशव्यापी आंदोलन को जानिए - मानिए - सहयोग कीजिये।



राष्ट्रीय सनातन पार्टी द्वारा देश के उन पुराने और अंग्रेजो के द्वारा बनाए गए 200 काले व घटिया कानूनों को बदलने और हटाने के लिए आंदोलन चलाया जा रहा हैजिनको बनाकर अंग्रेजो ने इस देश को लुटा था। इस देश की सनातन संस्कृतिशिक्षा पद्धति (गुरुकुल) को नष्ट किया था। और सत्ता-हस्तांतरण के बाद अंग्रेजों के दलालों ने इन घटिया कानूनों के माध्यम से देश को लूटा और अभी भी लूट रहे हैं। साम्प्रदायिक व जातीय तुष्टीकरण करने वाली सरकारों ने इस देश को केवल लूटा नहींदेश का इतिहास बदलासच्चे देशभक्तों का इतिहास नष्ट कर दिया गया और देश के गद्दारों को देश के नायक घोषित किया गया। और इन कमजोर कानूनों की सहायता से ही ये सारे राष्ट्रविरोधी राजनीतिक दल अब तक देश व सनातन धर्म के विरुद्ध षडयंत्र कर रहे हैं !!

हिंदुओं का धर्मांतरण कर रहे हैं,  इन कानूनों के कारण से ही देश का हिंदू अपने देश में ही केरलकश्मीरबंगाल जैसे राज्यों से पलायन करने को मजबूर हुआ। इन राज्यो में हिन्दू धर्म और हिन्दू संस्कृति कमजोर हो गई या नष्ट होने के मार्ग पर अग्रसर हैं। साम्प्रदायिक तुष्टीकरण की नीतियों के चलते सम्पूर्ण भारत में देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं का धनधर्म व जीवन संकट में पड़ गया हैं।

ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय सनातन पार्टी ने आगे आकर राष्ट्र को बचाने के लिए सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन आन्दोलन शुरू किया हैं। इस आन्दोलन का उद्देश्य देश में संचालित भेदभावपूर्ण व्यवस्थाओं को बदलवानासनातन धर्म संस्कृति की रक्षा करनासाथ ही जिहादआतंकवाद की समस्या को जड़ से समाप्त करना तथा घुसपैठियों को भगाना है।

संभवतः 1947 के बाद ये देश का पहला ऐसा आंदोलन है जो राष्ट्रीय चेतना से परिपूर्ण हैं और बड़ी संख्या में राष्ट्रभक्त लोग इसमें शामिल हो रहे हैं।

स्मरण रखना :-

1. भारत के 9 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके है !

2. भारत सरकार ने 2006 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाकर अल्पसंख्यक आयोग बनायाजो साम्प्रदायिक आधार पर अहिंदुओं को कई तरह की विशेष सुविधा देता है !

3. वक्फबोर्ड जमीन का कानून जिसके कारण ही मथुरा में कृष्णजन्म भूमि पर ईदगाह बन गई !

4. हमारे दिये Tax से मदरसो के छात्रों का मस्जिदों के मुल्ला-मौलवियों को वजीफापेंशन आदि दिया जा रहा है। जब देश के राष्ट्रहितेषी लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके इसके विरुद्ध आवाज उठाईइस भेदभावपूर्ण व्यवस्था को बंद करने की मांग कीतो 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसका उत्तर माँगाजिसपर भाजपा की निर्लज्ज केंद्र सरकार ने इसे तुष्टीकरण मानने से ही इंकार कर दिया और साम्प्रदायिक तुष्टीकरण की योजनाओं को यथावत जारी रखा हैं।

5. हिन्दू मंदिरों के चढ़ावेपैसे पर देश व प्रदेश की सरकार का कब्जा है। सरकार ये पैसा हिन्दू समाज के लिए उपयोग नहीं करती जबकि दरगाहोंमस्जिदों का चढ़ावापैसा मुस्लिम समाज के लोगों के लिए और उनकी साम्प्रदायिक गतिविधियों के लिए ही उपयोग होता है और आप जानते ही हो ये गतिविधियां किस प्रकार की हैं ?

ये तो हुए वो मुद्दे जो हिन्दूधर्महिन्दू संस्कृति के विरुद्ध है इनके अलावा ओर भी बहुत से कानून नियम हिन्दू धर्म के विरोध में है।

और अब वे कमजोरियाँवे मुद्दे और कानून जो देश को खोखला कर रहे है !!

6. करोड़ों रुपये का घोटाला करने के बाद भी किसी नेता को सिर्फ 7 साल की सजा क्यों ?

7. भारत में ही घुसपैठ क्यों हो रही है ! अमेरिकाचायनाइजराइल ओर फ्रांस में क्यों नहीं ?

8. लगभग 9 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुका है उसे अल्पसंख्यक का दर्जा और अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुविधाएं नहीं मिल रही क्यों ?

9. देश में मुसलमानोंईसाईयों व बौद्दों को अपनी शिक्षण संस्थाओं में अपने धर्म की शिक्षा और धार्मिक ग्रन्थों को पढा़ने की अनुमति है पर हिन्दुओं को नहीं क्यों ?

10. देश में मिलावटखोरो के लिए भी 7 वर्ष की सजाबलात्कारियों के लिए भी 7 वर्ष की सजाधर्म परिवर्तन करवाने वालो के लिए भी 7 वर्ष की सजादेश से गद्दारी करने वाले के लिए भी 7 वर्ष की सजाकरोड़ों रुपये का घोटाला करने वालो के लिए भी 7 वर्ष की सजाओर तो ओर कई मामलो में देश पर हमला करने वालेदेश के विरुद्ध षड्यंत्र करने वाले को भी 7 साल की सजा ही मिलती है क्यों ???

देश की सारी समस्याओं की जड़ इस तरह के लगभग 200 से ज्यादा कानून हैजो अंग्रेज़ों ने कई वर्षों पहले अपनी सुविधानुसार देश को लुटने के लिए बनाए थेइनको बदलना हटाना बहुत आवश्यक है। यदि 100 करोड़ बहुसंख्यक हिन्दुओं में से 50 करोड़ हिन्दू भी अपने राष्ट्र कीअपने धर्म की चिंता करने लगे और उनमें से 10% अर्थात 5 करोड़ लोग भी यदि व्यवस्था परिवर्तन के लिए दृढ़ प्रतिज्ञा लेकर कार्य करे तो सरकार को आपकी बातआपकी मांगे माननी ही होगी।

यह आन्दोलन राष्ट्रीय सनातन पार्टी के राष्ट्रहितैषीबुद्धिजीवी व संस्कृतिप्रेमी लोगों द्वारा संचालित हैंइसलिए इस आन्दोलन में अपना साथ दीजियेसहयोग कीजिये।