राष्ट्रीय सनातन पार्टी देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्थाओं का सुधार करके भारत को संसार का सबसे शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राष्ट्रीय सनातन पार्टी भारत की प्रथम राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी है जो भाजपा के एकमात्र विकल्प के रूप में जानी जाती हैं। सनातन हितों की रक्षा और सनातन हिन्दू धर्म के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध भारत की एकमात्र राजनीतिक पार्टी से जुड़ने के लिए संपर्क करें।
फोन नम्बर : 9410073474
हमारा ध्येय एक सम्पूर्ण राजनैतिक क्रांति करना हैं और राजनीति में प्रत्येक प्रतिभाशाली भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करना हैं, इसके लिए हम भारत के सभी 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित राज्यों की सभी विधानसभाओं तथा सभी 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में राजनैतिक विस्तार और साक्षात्कार आयोजित कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य 2024 में सभी सीटें जीतकर सरकार बनाना हैं।
लक्ष्य
राष्ट्रीय सनातन पार्टी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सुधारों के लिए समर्पित है और भारत को संसार का सबसे शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
विचारधारा
जिस भारत की कल्पना विश्वविजेता सम्राट विक्रमादित्य, आचार्य चाणक्य, मेवाड़ केशरी महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल, वीर हकीकत राय, हाड़ी रानी, छत्रपति शिवाजी, राजा सुहेल देव, वीर गोकुल सिंह, गुरु गोरक्षनाथ, गुरू गोविन्द सिंह, कप्पय्य नायक, चालुक्य सोमदेव, कृष्णदेव राय, ललितादित्य मुक्तापीड, भगदत्त, महर्षि वाल्मीकि, गुरू रविदास, स्वामी दयानन्द सरस्वती, आदि शंकराचार्य, संत प्राणनाथ, क्रांतिधर्मी बिरसा मुण्डा, देवी अहिल्याबाई, रानी दुर्गावती, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, राम प्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, रानी चेनन्मा, महर्षि अरविन्द घोष, चंद्रशेखर आजाद व राजीव भाई दीक्षित और अन्य सभी क्रान्तिकारियो ने की थी, हम सब वैसा भारत चाहते है।
उपयोगिता
राष्ट्रीय सनातन पार्टी का ध्येय वाक्य है “ राष्ट्रहित सर्वोपरि ”। इसका अभिप्राय है कि हमारी पार्टी और भावी सरकार जो भी निर्णय लेगी वे व्यक्ति, समाज, मत, पंथ, सम्प्रदाय, जाति, क्षेत्र आदि के हितों से ऊपर उठकर केवल राष्ट्रहित में किये जायेंगे। सभी निर्णय समानता के सिद्धान्त पर किये जायेंगे। भारतीय में लागू बहुविधानों को हटाकर संविधान लागू किया जायेगा। विदेशी कानूनों को समाप्त करके स्वदेशी दंड संहिता बनायेगे। अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को प्रत्यक्ष लोकतंत्र में बदलकर देश के सभी नागरिकों को उनका अधिकार दिया जायेगा तथा भूख, भय, अभाव, असुरक्षा व अशिक्षा से मुक्त, स्वस्थ, समृद्ध, शक्तिशाली एवं संस्कारवान भारत का पुनर्निर्माण किया जायेगा।