साथियों,हमारे भारत देश के लोकतंत्र में चुने हुए लोगों का महत्व बहुत है। सरकार चलाने व व्यवस्था बनाने का काम इन्हीं के हाथ में होता है। लेकिन देखने में यह आता है कि किसी भी तरह चुनाव जीतने वाला मनुष्य आम जन की सेवा के भाव से नहीं आता। उसके निजी स्वार्थ होते हैं और वह समाज के प्रत्येक वर्ग के बारे में प्राय: मानवीय दृष्टि से नहीं सोचना चाहता। यहीं से साम्प्रदायिक तुष्टिकरण का कारोबार शुरू हो जाता है। जो योजनाएं आम जनता के कल्याण के लिए बनाई जानी चाहिए, वे इंडियन
संविधान की आड़ लेकर साम्प्रदायिक आधार पर बनाई जाती है, इससे सभी भारतीयों को उन योजनाओं का लाभ मिल ही नहीं पाता। इस स्थिति को समाप्त करने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि राजनीति में समाज सेवा का भाव रखने वाले धर्मनिष्ठ लोग अधिक से अधिक आएं। शुरुआत भले ही कम लोग करें , लेकिन उनके राजनीति में प्रवेश से और लोगों का हौसला भी बढ़ेगा। उनके सही जगह पहुंचते ही साधारण नागरिक को भी सरकार पर विश्वास होने लगेगा। मित्रों नेताओ को कोसने की प्राचीन परंपरा छोडकर अब नई पीढ़ी को राजनीति के शुद्धिकरण का बीड़ा उठाना चाहिए । इसके लिए अच्छे लोगो को राजनीति में आने की जरूरत है । पानी की गहराई किनारे पर बैठ कर नहीं आँकी जा सकती है। अब तो राजनीति में शुद्ध आचार-विचार वाले व्यक्तियों को आना ही होगा।
जो लोग शासकीय
सेवाओं में हैं अथवा किन्हीं अन्य कारणों से राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं निभा
सकते, वे लोग राष्ट्रीय सनातन पार्टी को अपनी क्षमतानुसार वार्षिक 500, 1100, 2100, 3100, 5100, 7100, 11000 रूपये दान करके हितचिन्तक बन सकते हैं और सम्पूर्ण
व्यवस्था परिवर्तन के राजनीतिक विकल्प को सशक्त बना सकते हैं। न्यूनतम 500 से अधिकतम 11000 रूपये तक का
वार्षिक अनुदान देने वाले
व्यक्ति पार्टी के हितचिंतक कहलाएँगे,स्थानीय चुनावों
के प्रत्याशी चयन में हितचिंतकों के सुझाव को वरीयता दी जाएगी।
सकें। इसलिए अनावश्यक सोच विचार छोड़ कर छब्बीस सौ वर्षों की गलतियों को सुधारने के लिए राष्ट्रीय सनातन पार्टी के हित चिंतक बनें,
और व्यवस्था बदलें।
नोट : भारत की सनातन संस्कृति में आस्था न रखने वाले लोग हितचिन्तक योजना में
सहभागी ना बनें ।
पैसा कमाया सिंध में सिंधीयों ने, 1947 में जब धर्म सुरक्षित न रहा तो सब छोड़कर भागना पड़ा सिंध
से...
पैसा कमाया कश्मीर में पंडितों ने, बाद में केसर के खेत छोड़ कर भागना पड़ा कश्मीर से... जूट व्यापारियों ने खूब पैसा बनाया बंगाल में, बाद में मालूम पड़ा की बंगाल तो उधर रह गया ये तो पूर्वी
पाकिस्तान (1971 से बांग्लादेश) है तो भागना पड़ा बांग्लादेश से... पैसा कमाओ अच्छी बात है लेकिन धर्म सुरक्षा में भी लगाओ... वरना सारा कमाया छोड़ भागने को तैयार रहो... धन से धर्म की रक्षा होती हैं। धन के बिना कोई भी संगठन
धर्म की रक्षा नहीं कर सकता। अत: धर्म रक्षा के लिए भी तन- मन के साथ धन का सहयोग
भी करना चाहिए।
नोट :- दान व सहयोग कैसे करें
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन व राजनैतिक शुचिता के लिए हितचिन्तक योजना में सहयोगी बनने के इच्छुक दानदाता भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) की स्थानीय सी0बी0एस0 शाखा में पहुंचकर राष्ट्रीय सनातन पार्टी (Rashtriya Sanatan Party)
खाता संख्या A/C no :- 40597297582
IFSC
– SBIN0004441
(Rashtriya Sanatan Party,
State Bank of INDIA, Kankar Khera, Meerut) के नाम अपना धन जमा कर उसकी जमा पर्ची व अपना नाम तथा पत्र व्यवहार का पता हमें 08535004500 पर वाट्सएप्प
करें अथवा rashtriyasanatanparty@gmail.com पर मेल कर दें।
<>खाते में धन जमा करवाते समय खाता धारक का नाम एवं शाखा का स्थान अवश्य जांच लें।
<> सभी प्रकार के दान व सदस्यता किसी भी स्थिति में पूर्णतया अप्रत्यवर्णीय (Not Refundable) हैं।
<>हितचिन्तक योजना के बारे में
किसी भी प्रकार की जानकारी लेने के लिए 8535004500 पर कॉल करें।
आशा है की आप
राष्ट्रीय सनातन पार्टी के हितचिन्तक बनकर संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन व राजनीतिक
शुचिता के इस महायज्ञ में अपनी आहुति डालेगे, जिससे राष्ट्र धर्म को बल मिलेगा और
भारत अपना पुनर्वैभव प्राप्त करेगा।
जय सनातन, जय भारत।