राजनीतिक
व्यवस्था
वर्तमान की धोखाधड़ी वाली राजनीतिक व्यवस्था को बदलने के लिये
राष्ट्रीय सनातन पार्टी सत्ता में आने के बाद चुनाव सुधार (Electroral Reform) का कार्य करेगी।
राजनेताओं द्वारा चुनाव में किए गए वादे, चाहे वे घोषणा पत्र के रूप में हों अथवा
मंच पर जनता को अपने पक्ष में लाने के लिए गए हों, वह एक कानूनी अभिलेख (Legal
Documents) होगा, यदि नेता सत्ता में आने के
बाद या जीतने के बाद जनता से किए वादे पूरे नहीं करता है तो उसे उसका कारण कोर्ट
को बताना होगा और यदि कारण संतोषजनक न हो तो उस नेता के आगे चुनाव लड़ने पर
प्रतिबंध लगे, क्योंकि यह मतदाताओं को धोखा देना माना जाएगा,
नेता ने जनता से झूठ बोलकर वोट लिया।
सभी राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग को आरटीआई (RTI)
के दायरे में
लाया जायेगा।
अनुदान देने वाले व्यक्ति और कंपनियों की पहचान सार्वजनिक
की जाएगी ताकि चुनाव में पारदर्शिता आए। जनता को पता चले कि किस पार्टी को किस
व्यक्ति, संस्थान या कंपनी से अनुदान (चंदा) मिल रहा है।
विदेशी अनुदान पर पूरी तरह से रोक लगेगी,
जो अभी विदेश
की भारत में स्थित सहायक कंपनियों के माध्यम से सभी पार्टियां प्राप्त कर रही हैं।
इससे देश की राजनीति और सरकार में विदेश और अंतरराष्ट्रीय लॉबिस्टों का हस्तक्षेप
समाप्त होगा।
भाजपा सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम
2013, में संशोधन करके कंपनियों व कारपोरेट सेक्टर को यह छूट दी
गयी है कि वह अपने वार्षिक लाभ-हानि खाते में राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले अनुदान
को छुपा सकते है। इससे राजनीतिक दल और सरकार ऐसी कंपनियों को देश व जनता की कीमत
पर अनुचित लाभ प्रदान करती हैं। कंपनी अधिनियम में भाजपा सरकार द्वारा किए गये इस
संशोधन को समाप्त किया जायेगा और कानून बनाकर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि सभी
कंपनियों अपने वार्षिक लेखा-जोखा में राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले अनुदान का
विवरण अनिवार्य रूप से दे।
कानून बनाकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई व्यक्ति,
संस्था या
कंपनी वार्षिक पांच करोड़ से अधिक अनुदान किसी भी राजनीतिक दल को नहीं दे सकते है।
इससे चुनाव में बढ़ रहे अत्यधिक खर्च को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।
स्त्री सशक्तिकरण के लिए राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढाई
जाएगीं। राष्ट्रीय सनातन पार्टी की सरकार बनने पर महिलाओं की राजनीति में कम से कम
33% भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी और इसके लिए राष्ट्रीय सनातन पार्टी ने अपने
स्तर पर एक पहल अभी से शुरू कर दी है, पार्टी संगठन में विधानसभा कार्यकारिणी से लेकर राष्ट्रीय
कार्यकारिणी तक कम से कम 33% महिलाओं को समायोजित किया जा रहा हैं।